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Showing posts from October, 2013

हम सोचते हैं (भाग 5) – नजरिया (जाखू प्रकरण)

हिमाचल के साथ हमारा रिश्ता पुराना है – हमने अपनी इंजीनियरिंग यहीं से की है। प्राचीन इतिहास और अद्भुत सुंदरता को अपने अंदर समेटे यह धरती मानव (तथा देवों) को सदियों से आकृष्ट करते आई है। जाहिर सी बात है कि हमारा परिवार भी इस देवभूमि को देखने को इच्छुक था। अभी हाल में ही उनकी यह इच्छा पूरी हो गई। हमारे पिता तो एक बार हमारे साथ हिमाचल आए भी थे पर हमारी माँ एवं भाई के लिए यह भूमि नई थी। जो भी शिमला गए हैं वह इस बात को तो मानेंगे कि अनियंत्रित शहरीकरण के बावजूद इस शहर का अपना एक अलग आकर्षण है। कई रमणीय स्थानों के रहने के बावजूद जो दृष्य आपका स्वत: ही ध्यान खीच लेता है वह है पहाड़ के जंगलों से आपको झांकते हनुमान। 108 फीट ऊँचे हनुमान की यह मूर्ति जाखू पहाड़ी पर स्थित है। मिथको के अनुसार संजीवनी की खोज में निकले हनुमान ने इस पहाड़ी पर उतर जाखू ऋषि से दिशाज्ञान प्राप्त किया था। जाहिर सी बात है कि यह स्थान स्थानीय निवासियों , पर्यटकों एवं श्रधालुयों में समान रूप से प्रसिद्ध है। यह वाकया जाखू में ही घटा। कुफरी और नालधेरा होते हुए जब हम जाखू पहुँचे तो हमारी गाड़ी के चालक ने कहा – ‘ यहाँ ...